Last Updated: Saturday, October 15, 2011, 18:52
मुंबई : अगर आप भूत में विश्वास करते हैं तो इस कहानी को गौर से पढ़िए। एक भयानक रहस्यमय सच्ची कहानी जो फिल्म ‘माय फ्रेंड पिंटो’ की शूटिंग के दौरान घटित हुआ। फिल्म के अभिनेता प्रतीक के साथ-साथ निर्देशक राधव धर, निर्माता संजय लीला भंसाली और फिल्म के क्रू मेंबर ने शूटिंग के दौरान ऐसा महसूस किया कि दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल हमेशा उनके इर्द-गिर्द मौजूद हैं।
भंसाली ने कहा, हमें नहीं मालूम कि यह क्या था, लेकिन हमें निश्चित रूप से महसूस हुआ। स्मिता ने प्रतीक को इस फिल्म के लिए साइन कराने के लिए प्रेरित किया। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।फिल्म निर्माण टीम के एक सदस्य ने कहा, कभी-कभी बहुत डर लगता था, न सिर्फ प्रतीक को उनकी उपस्थिति का एहसास होता था बल्कि निर्देशक और क्रू मेंबर में से बहुतों को ऐसा महसूस होता था। हम नहीं जानते यह क्या हो रहा था और वह कौन थी लेकिन इतना निश्चित था कि वहां कुछ न कुछ था।
प्रतीक ने साक्षात्कार के दौरान संवाददाताओं से कहा कि मैं अपनी मां से तुलनात्मक और स्थाई रूप से अलग हो जाना चाहता था फिर भी ऐसा महसूस होता था कि मां (स्मिता) लगातार उसकी जिंदगी में बनी हुई हैं। फिल्म के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि हम लोगों ने फिल्म के निर्माण दौरान हमेशा पाया कि वह हम लोगों पर ध्यान रख रही हैं। सूत्रों ने बताया कि हम नहीं जानते कि शूटिंग के दौरान प्रतीक कैसे अपनी मां के इतने करीब है, लेकिन हम लोगों ने हमेशा अनुभव किया कि वह शारीरिक रूप से शूटिंग के दौरान मौजूद थीं।
जब प्रतीक के किरदार को अपनी मां के बारे में बात करनी पड़ी तो उस समय प्रतीक वह सीन करना नहीं चाहता था जहां उसका किरदार उसकी मां के बारे में बात करे। संजय लीला भंसाली ने कहा कि प्रतीक अपनी मां से इतना करीब था कि हमलोग प्रायः उसे प्रतीक के पास की देखते थे। सूत्रों के मुताबिक, यह स्पष्ट था कि प्रतीक अपनी मां से बात कर रहा था। अंततः वह अपनी मां के बारे में बात करते हुए हिम्मत हार गया। भंसाली ने कहा, यद्यपि मुझे स्मिता पाटिल से साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन मैंने उन्हें प्रतीक के भाव भंगिमा से देखा।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 16, 2011, 08:05