मूड के मुताबिक मजेदार नहीं ‘जन्नत-2’ - Zee News हिंदी

मूड के मुताबिक मजेदार नहीं ‘जन्नत-2’

ज़ी न्यूज ब्यूरो

 

नई दिल्ली : भट्ट कैंप और इमरान हाशमी की नई लेकिन साधारण प्रस्तुति है फिल्म जन्नत-2। पहले की ‘जन्नत’ से बेहतर बनाने में नाकाम रहें हैं ‘जन्नत-2’ के निर्देशक कुणाल देशमुख। भट्ट कैंप की झलक दिखाने में भी कामयाब नहीं रहे कुणाल। ‘जन्नत’ के सीक्वल में बनी इस फिल्म में देखने को कुछ नयापन नहीं हैं।

 

पूरी फिल्म इमरान हाशमी के आसपास घूमती है और वो कुछ हद तक अपने पुराने अंदाज में दर्शकों को या यूं कहें कि अपने प्रशंसकों को बांधे रखते हैं। अपनी आदतों के अनुसार इमरान (सोनू) पैसे कमाने में लगा रहता है, दुनिया की बुराई भी उसे अच्छी लतगी है। वहीं जाह्नवी तोमर (ईशा गुप्ता) को सोनू चाहता है। जाह्नवी एक साधारण लड़की है जो एक डॉक्टर है। जाह्नवी के लिए सोनू अपने आपको बदलना चाहता है, लेकिन पुरानी आदतें आसानी से नहीं छूटती है।

 

फिल्म में एक कड़क मिजाजी एसीपी प्रताप रघुवंशी (रणदीप हुड्डा) सोनू की जिंदगी में आता है। प्रताप अवैध हथियारों की बिक्री को रोकना चाहता है। अपने अभिनय में वो दमदार दिखे हैं। कुल मिलाकर फिल्म की कहानी में दम नहीं दिखता।

 

इस फिल्म का मजबूत पक्ष है इसका संगीत। रोमांस और थ्रिलर का पूरा तड़का दिखाने के लिए दर्शकों को मिलता  मगर निर्देशक इसमें खास सफल होते नहीं दिखते। स्टार कास्ट में इमरान हाशमी ने फिल्म का दारोमदार अपने कंधे पर उठाने की पूरी कोशिश कि है मगर कमजोर कहानी इस कोशिश को नाकाम करती है।

 

अभिनेत्री ईशा गुप्ता को बहुत कुछ करने की जरुरत है क्योंकि सिर्फ बदन से अभिनय नहीं उभरता। इमरान और ईशा की ऑनस्क्रीन जोड़ी भी कुछ खास नहीं है| रणदीप हुड्डा के अभिनय की तारीफ की जाएगी। अगर आप इमरान हाशमी के प्रशंसक हैं और उनके रंगरेज देखना चाहते हैं तभी यह फिल्म आपको भाएगी।

First Published: Friday, May 4, 2012, 12:41

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