मै फिल्मकार ना होता तो पत्रकार होता: मधुर भंडारकर

मै फिल्मकार ना होता तो पत्रकार होता: मधुर भंडारकर

मै फिल्मकार ना होता तो पत्रकार होता: मधुर भंडारकरकोलकाता : फिल्म निर्देशन में अपनी प्रतिभा साबित कर चुके फिल्मकार मधुर भंडारकर कहते हैं कि वह सिनेमा के क्षेत्र में न होते तो एक फिल्म पत्रकार होते। वह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता भी रहे हैं। भंडारकर ने गुरुवार को फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज लेडीज ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा, यदि मैं फिल्म निर्देशक नहीं होता तो फिल्म पत्रकार होता। मुझमें पत्रकारों वाले लक्षण हैं। मैं जहां भी जाता हूं, लोगों से मिलता हूं, उनसे बातें करता हूं और बहुत अधिक यात्राएं करता हूं।

भंडारकर ने `चांदनी बार`, `सत्ता`, `पेज 3` और `फैशन` जैसी फिल्मों से फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा साबित की है। वह कहते हैं कि किसी विषय पर शोध और जानकारियां हासिल करने का उनका लक्षण पत्रकारिता के लक्षण से मेल खाता है। भंडारकर ने कहा, फैशन` के निर्माण से पहले किसी खोजी पत्रकार की ही तरह ही मैं कई मॉडलों, फैशन डिजायनरों, फैशन से जुड़ी हस्तियों और कई ऊंचे लोगों से मिला। (एजेंसी)

First Published: Friday, June 28, 2013, 13:10

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