मैं अभिनय के लिए ही पैदा हुआ: मनोज - Zee News हिंदी

मैं अभिनय के लिए ही पैदा हुआ: मनोज




मुम्बई : फिल्मी दुनिया के कुछ कलाकार पेंटिंग में अपना हाथ आजमाते हैं तो कुछ गाने का अभ्यास करते हैं लेकिन अभिनेता मनोज वाजपेयी कहते हैं कि वह इन दोनों ही क्षेत्रों में नहीं जा सकते क्योंकि उनका मानना है कि पेंटर व गायकों में जन्मजात प्रतिभा होती है और उन्हें बनाया नहीं जा सकता।

 

बयालीस वर्षीय मनोज ने यहां एक पेंटिंग प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा, मुझे पेंटिंग्स पसंद हैं लेकिन मेरा मानना है कि पेंटर्स बनाए नहीं जा सकती, वे सृजित होती हैं। संगीत में भी ऐसा ही है। मैंने गायन में अपना हाथ आजमाया लेकिन हर बार असफल हुआ। मुझे एहसास हुआ कि हर व्यक्ति एक विशेष काम करने के लिए पैदा होता है। मैं अभिनय करने के लिए पैदा हुआ हूं जबकि ये पेंटर पेंट करने के लिए पैदा हुए हैं।

 

साल 2011 में उनकी दो फिल्में 'आरक्षण' व 'लंका' प्रदर्शित हुईं। इस साल भी उनकी कई फिल्में आनी हैं।

 

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मनोज ने कहा, मेरी पहली फिल्म 'चटगांव अपराइजिंग' है। अनुराग कश्यप व सुनील बोहरा इसका वितरण कर रहे हैं। इसके बाद 'गैंग्स ऑफ वसईपुर' है। मुझे अन्य परियोजनाओं के लिए भी काम करना है। इस साल मेरी कम से कम चार फिल्में प्रदर्शित होने की उम्मीद है।

 

मनोज को फिल्म 'सत्या' में अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। उन्हें 'पिंजर' के लिए जूरी का विशेष पुरस्कार मिला।

 

उन्होंने 1997 में 'तमन्ना' से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की और बाद में 'सत्या', 'शूल', 'जुबैदा', 'पिंजर', 'वीर जारा' व 'राजनीति' जैसी फिल्मों में अभिनय किया।  (एजेंसी)

 

First Published: Thursday, January 19, 2012, 16:55

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