शहंशाह-ए-गजल मेहदी हसन सुपुर्द-ए-खाक

शहंशाह-ए-गजल मेहदी हसन सुपुर्द-ए-खाक


कराची : गजल की दुनिया के शहंशाह मेहदी हसन को शाह मुहम्मद शाह कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। उनके परिवार, दोस्तों और चाहने वालों ने नम आंखों से उन्हें आखिरी विदाई दी। भारतीय सरजमीं पर पैदा हुए हसन का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद इंतकाल हो गया था। वह 84 साल के थे।

कराची की नूरानी मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद हसन के जनाजे की नमाज अदा की गई। उनके जनाजे में परिवार और दोस्तों के अलावा गायक, नेता, सामाजिक कायकर्ता और समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए। हसन की पैदाइश राजस्थान के लूना गांव में 1927 में हुई थी। बंटवारे के बाद वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। उनके वालिद उस्ताद अजीम खान और चाचा उस्ताद इस्माइल खान मशहूर शास्त्रीय गायक थे। मेहदी हसन के परिवार में नौ बेटे और पांच बेटियां हैं। उनका अंतिम संस्कार मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट की कल्याणकारी शाखा खिदमत ए खल्क फाउंडेशन के स्वयंसेवकों की मदद से किया गया। (एजेंसी)

First Published: Saturday, June 16, 2012, 11:48

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