`साहब, बीवी और गैंगस्टर रिट‌र्न्स` रिव्‍यू: बदले की भावना से भरपूर

`साहब, बीवी और गैंगस्टर रिट‌र्न्स` रिव्‍यू: बदले की भावना से भरपूर

`साहब, बीवी और गैंगस्टर रिट‌र्न्स` रिव्‍यू: बदले की भावना से भरपूर ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

फिल्म `साहब बीवी और गैंगस्टर रिट‌र्न्स` रुपहले पर्दे पर आ गइ है। इस फिल्‍म का निर्देशन तिग्मांशु धूलिया ने किया है। इस फिल्‍म की रिलीज को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता थी। इस फिल्‍म के पहले भाग को देखने के बाद लोगों को यह आशा थी कि दूसरे भाग में कुछ नया और रोमांच देखने को मिलेगा।

फिल्म में इरफान खान और सोहा अली खान की मौजूदगी से आशा थी कि फिल्‍म और रोमांचक होगा, पर ऐसा नजर नहीं आया। फिल्म के इस दूसरे पार्ट यह दिखाया गया है कि जंग (युद्ध) में सब कुछ जायज है, पर इसका अंत लोगों को निराश करता है।

इस फिल्‍म में साहब यानी जिमी शेरगिल व्हील चेयर पर विराजे हैं और बीवी यानी माही गिल का अंदाज वैसा ही है। गैंगस्टर के किरदार में यहां इरफान खान आए हैं। नई कलाकार रंजना यानी सोहा अली खान को तीनों अदाकारों के साथ समय-समय पर जोड़ा गया है। इस फिल्म में बदले की भावना को दर्शाया गया है। इसके अलावा धन, पॉवर और राजनीति का तड़का भी है। इन्‍हीं चीजों के बीच फिल्‍म की पटकथा चलती है और अंत तक कायम रहती है।

हालांकि इस फिल्‍म में निर्देशक तिग्मांशु धूलिया का काम सही है। फिल्‍म की कहानी के अंत को दर्शक शायद अपने स्‍तर पर पचा नहीं पाएं। एक्टिंग के नजरिये से जिमी का काम तारीफ के लायक है। माही का रंग वैसा ही है। सोहा ने अपने काम से आगे की उम्‍मीद कायम रखी है। अन्य कलाकारों में राज बब्बर और प्रवेश राणा का अभिनय भी ठीक है। आइटम सांग में मुग्धा गोडसे और अंजना सुखानी कुछ खास नहीं कर पाई।

गीत-संगीत के लिहाज से फिल्म में इसका मिश्रण सही तरीके से नहीं किया गया है। गीत थोड़े हटकर हैं, लेकिन ये कहानी में घुलते नजर नहीं आते। `बस छल कपट प्रपंच है..` नामक गीत कुछ प्रभाव पैदा करता है।

इस फिल्‍म के निर्माता हैं राहुल मित्रा, नितिन आहूजा, तिग्मांशु धूलिया। निर्देशक हैं तिग्मांशु धूलिया। संगीत दिया है संदीप चौटा ने। गीतकार हैं संदीप नाथ। इस फिल्‍म में कलाकार हैं इरफान खान, सोहा अली खान, माही गिल, जिमी शेरगिल, राज बब्बर, परवेश राणा, दीप राज राणा, मुग्धा गोडसे और अंजना सुखानी।

First Published: Friday, March 8, 2013, 16:40

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