Last Updated: Thursday, May 3, 2012, 16:09
नई दिल्ली : बांग्ला फिल्मों के महान अभिनेता सौमित्र चटर्जी को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के से नवाजा जबकि ‘डर्टी पिक्चर’ में शानदार अभिनय के लिए विद्या बालन को 59वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया।
सत्यजीत रे की अधिकांश फिल्मों के नायक रहे 77 वर्षीय चटर्जी का विज्ञान भवन में लोगों ने खड़े होकर अभिवादन किया। उन्होंने इस मौके पर कहा, ‘मैं कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। मुझे हमेशा अपने काम पर संदेह रहता था और मुझे लगता था कि मनोरंजन की दुनिया में कुछ नहीं रखा लेकिन देशवासियों ने पिछले 50 साल में मुझे बहुत प्यार और अपनापन दिया।’ सत्यजीत रे की ‘अपूर संसार’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले चटर्जी ने ‘चारूलता’, ‘घरे बाहरे’, ‘देवी ’ और ‘अरण्ये दिन रात्रि’ जैसी क्लासिक फिल्मों में काम किया।
बी ग्रेड फिल्मों की अभिनेत्री सिल्क स्मिता के जीवन पर बनी फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ में साहसिक और भावपूर्ण अभिनय के लिए विद्या को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया जो उनका पहला राष्ट्रीय पुरस्कार है। गुलाबी रंग की साड़ी में अपने माता-पिता के साथ आई विद्या समारोह में आकर्षण का केंद्र रही।
मराठी फिल्म ‘देउल’ और ब्यारी भाषा की फिल्म ‘ब्यारी’ को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया गया। ‘देउल’ के लिए गिरीश कुलकर्णी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार पंजाबी फिल्म ‘अन्हे घोड़े दा दान’ के लिए गुरविंदर सिंह को दिया गया। उन्हें पुरस्कार के तौर पर स्वर्ण कमल और ढाई लाख रुपए मिले।
वर्ष 2011 के पुरस्कार की फीचर फिल्म जूरी की अध्यक्ष मशहूर अभिनेत्री रोहिणी हटंगडी थी जबकि गैर फीचर फिल्मों की जूरी के अध्यक्ष रमेश शर्मा और सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिये जूरी की अध्यक्ष विजया मूले थी। बच्चों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार ‘चिल्लर पार्टी’ को दिया गया। इस फिल्म में काम करने वाले सभी 10 बच्चों और ‘स्टानले का डिब्बा’ में बेहतरीन अभिनय करने वाले मास्टर पाथरे गुप्ते को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार मिला। ‘चिल्लर पार्टी’ के लिए विकास बहल और मनीष तिवारी को सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन (मौलिक) का पुरस्कार दिया गया।
सर्वश्रेष्ठ पार्श्र्वगायक का पुरस्कार मराठी फिल्म ‘बालगंधर्व’ के गीत ‘चिन्मया सकल हदया’ के लिए आनंद भाटे और पार्श्र्वगायिका बंगाली फिल्म ‘अबोशेशे’ के गीत ‘दूरे कोथाय ’ के लिए रूपा गांगुली को दिया गया। दोनों ने समारोह में ये गीत प्रस्तुत भी किये। जोया अख्तर की फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ को दो पुरस्कार मिले। सर्वश्रेष्ठ लोकेशन साउंड रिकार्डिंग का पुरस्कार इस फिल्म के लिए बेलोन फोंसेका और बोस्को सेजार को इस फिल्म के गीत ‘सेनोरिटा’ पर फिल्माए गए नृत्य के लिए सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशन का पुरस्कार मिला।
‘डर्टी पिक्चर’ को सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा और मेकअप के भी पुरस्कार मिले। वेशभूषा के लिए निहारिका खान (डर्टी पिक्चर) और नीता लुल्ला (मराठी फिल्म बालगंधर्व) को पुरस्कार दिया गया। वहीं इन्हीं दोनों फिल्मों में मेकअप के लिए विक्रम गायकवाड़ ने पुरस्कार जीता।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 4, 2012, 00:10