Last Updated: Sunday, August 12, 2012, 12:17

नई दिल्ली : फिल्म अभिनेता और टीवी पर हास्य कार्यक्रमों में जज बने शेखर सुमन ने कहा है कि जीवन की आपाधापी में ‘हंसी’ चेहरे से गायब सी हो गई है, लेकिन जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए हंसना बेहद जरूरी है। शेखर सुमन ने एक खास मुलाकात में कहा, ‘टेलीविजन पर हास्य कार्यक्रम बढ़ने और इसकी लोकप्रियता का प्रमुख कारण है कि हर दिन की समस्याओं के बीच हम थोड़ा सा वास्तविक मनोरंजन चाहते हैं। हमारे देश में हास्य रोजमर्रा की वस्तुओं से भी महंगा हो गया है, जबकि हास्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।’
टीवी शो ‘लाफ इंडिया लाफ’ के जज शेखर ने कहा, ‘बहुत कम लोग हैं जो अपने आप पर हंसते हैं। जिंदगी को समझने के लिए गम बेहद जरूरी होता है और इसे बेहतर बनाने के लिए हंसी बहुत जरूरी होती है।’ उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘घोटालों और भ्रष्टाचार को मिटाने की मुहिम के साथ ही अब हंसाने का अभियान छेड़ना जरूरी है और मेरा मानना है कि अब ‘हास्य अधिनियम’ पारित होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हंसी का माध्यम दो लोगों को करीब लाने के लिए होता है। हंसी के जरिये हम बहुत सारी समस्याओं का हल खोज सकते हैं और यह भी जरूरी है कि इन कार्यक्रमों के जरिये लोगों तक सार्थक संदेश पहुंचे।’
हाल में कामेडी के टेलीविजन कार्यक्रमों में अश्लीलता और द्विअर्थी संवाद बोलने के बारे में शेखर सुमन ने कहा, ‘सार्वजनिक मंच (पब्लिक फोरम) पर शब्दों का चयन और मर्यादा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कुछ ऐसे भी कलाकार हैं जो बिना बोले लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। इसके लिए हाजिर जवाबी का भी होना बेहद जरूरी है।’ टेलीविजन पर हास्य कार्यक्रमों के बढ़ते चलन के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘सफलता को ध्यान में रखकर ‘शोले’ और ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी फिल्में नहीं बनाई गईं, लेकिन विश्वास और मेहनत के साथ किया गया काम कभी असफल नहीं होता है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 12, 2012, 12:17