Last Updated: Monday, March 12, 2012, 13:33
लंदन : उम्र बढ़ने के साथ लोग अधिक खुश होने के साथ ही जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया भी अपनाना शुरू कर देते हैं। एक नए शोध में यह दावा किया गया है जिससे यह पुरानी धारणा गलत साबित होती है कि बुढ़ापे में लोग सठिया जाते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं।
अमेरिका और ब्रिटेन में दस हजार से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आयी है। हालांकि यह भी सच है कि उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक क्षमताओं का हा्स होना शुरू हो जाता है लेकिन मानसिक संतुष्टि में वृद्धि होती जाती है।
यह अध्ययन एक पुराने अध्ययन को सही ठहराता है जिसमें पाया गया था कि खुशी का पैमाना एक यू का आकार बनाता है जिसका अर्थ है कि करीब 45 साल की उम्र में यह सबसे कम रहता है और उसके बाद उपर की ओर चढ़ना शुरू कर देता है।
वारविक यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की जीवनशैली और स्वास्थ्य रिपोटरे का अध्ययन किया और इन्हें उनके मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता और शारीरिक क्षमताओं से जोड़कर देखा। उन्होंने पाया कि उम्र बढ़ने पर शारीरिक क्षमताओं में कमी आने के बावजूद लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता बढ़ती पायी गयी। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 12, 2012, 19:03