Last Updated: Monday, July 15, 2013, 13:52

लंदन : वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वे शरीर की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता का इस्तेमाल कर ट्यूमर सेल का मुकाबला करके कैंसर के उपचार की विधि हासिल करने के करीब पहुंच गए हैं।
ब्रिटिश कंपनी इम्युनोकोर के शोधकर्ताओं ने रोग प्रतिरोधक क्षमता की प्राकृतिक मारक क्षमता रखने वाली कोशिकाओं की इस ताकत का इस्तेमाल करने का तरीका विकसित किया है। ये मारक कोशिकाएं विषाणुओं और कीटाणुओं को नष्ट करने में सक्षम होती हैं। टी सेल रक्त की कोशिकाएं हैं जो शरीर पर हमला करने वाले हमलावरों को ढूंढकर उन्हें मार डालती हैं।
कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी बेंट जैकबसन ने बताया कि इम्युनोथरेपी एकदम भिन्न है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह से कैंसर के उपचार के अन्य तरीकों को खारिज नहीं करती लेकिन यह उपचार के तरीकों को और अधिक मजबूती प्रदान करती है। बहुत संभव है कि इसमें वास्तव में कैंसर का उपचार करने की क्षमता हो। जैकोबसन ने कहा कि हालांकि टी सेल कैंसर को पहचानने में खुद की तत्परता नहीं दिखातीं लेकिन हम उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर कर सकते हैं। टी सेल की ताकत का यदि इस्तेमाल किया जाए तो इसमें बहुत अधिक संभावनाएं हैं। आप किसी भी प्रकार की सेल को लें और किसी भी लक्ष्य को तय करें। इसका मतलब यह हुआ कि सैद्धांतिक रूप से मौजूद इस अवधारणा का इस्तेमाल कैंसर के खिलाफ भी किया जा सकता है, भले ही वह प्रोस्टेट, स्तन, लिवर या पैनक्रियाज का कैंसर हो। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 15, 2013, 13:52