Last Updated: Tuesday, February 26, 2013, 00:37

वाशिंगटन : एक नए अध्ययन के अनुसार लंबे समय से खाज-खुजली, खरोंच जैसी बीमारी से पीड़ित किशोर और वयस्कों के इलाज में दमा की दवा की अधिक मात्रा अत्यधिक कारगर होती है।
दमा की दवा का परीक्षण 55 चिकित्सक केंद्रों में 323 लोगों पर किया गया। जॉन्स हॉपकिन्स एलर्जी और इम्युनोलॉजिस्ट सरबजीत (रोमी) सैनी और कई सहायक अन्वेषकों का कहना है कि चिकित्सकों और मरीजों के लिए एंटीहिस्टेमाइन एक तेज, सुरक्षित एवं अच्छा उपचार का विकल्प हो सकती है।
जॉन्स हॉपकिन्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2009 से 2011 तक अध्ययन में 12 साल से 75 साल तक की महिलाओं को शामिल किया गया, जिसमें प्रत्येक को दवाओं की खुराक देने के बाद चार महीनों तक नजरबंद रखा गया।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर सैनी ने कहा कि त्वचा में खुजली जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के और बेहतर इलाज की जरूरत है।
सैनी 2005 से ही ओमालिजुमैब पर अध्ययन कर रहे हैं। उनका कहना है कि नए अध्ययन में पता चला है कि यह पहला इंजेक्शन अन्य दवाओं की तुलना में न केवल बेहतर काम करता है, बल्कि अधिक कारगर और सुरक्षित भी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 26, 2013, 00:37