Last Updated: Saturday, August 10, 2013, 20:07

बेंगलूर : जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोकॉन ने पुराने त्वचा रोग के इलाज के लिये जैविक दवा पेश की है। इस दवा का शोध, विकास और विनिर्माण देश में किया गया है। कंपनी ने कहा है कि वह इस दवा को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिये वैश्विक सहयोगी को अंतिम रूप देने के लिये बातचीत कर रही है।
बेंगलूर स्थित कंपनी की चेयरपर्सन तथा प्रबंध निदेशक किरण मजुमदार शॉ ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अलजुमाब नाम की दवा लंबे समय से चली आ रही त्वचा रोगों के इलाज के लिये है। यह अब देश में वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध है। इसकी कीमत बाजार में उपलब्ध ऐसी ही दवाओं के मुकाबले कम-से-कम 50 प्रतिशत कम है।
उन्होंने कहा कि हम इस दवा को दुनिया के अन्य देशों में पहुंचाना चाहते हैं और इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में कई कंपनियों के साथ बातचीत जारी है। किरण ने कहा, यह बड़ी सफलता है और इसका व्यापक वैश्विक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिये वैश्विक सहयोगी के साथ समझौता बस कुछ समय की बात है। बायोकॉन के अनुमान के अनुसार त्वचा रोग से संबद्ध दवाओं का बाजार 2016 तक 8 अरब डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है। कंपनी ने 2006 में अलजुमाब पर काम करना शुरू किया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 10, 2013, 20:07