Last Updated: Monday, October 1, 2012, 09:55

लंदन : एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि युवाओं में नींद की अवधि बढने से मधुमेह का जोखिम कम हो जाता है। पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि किशोरावस्था में नींद की मात्रा बढ़ा देने से उनकी इंसुलिन प्रतिधात्मक क्षमता बेहतर हो जाती है तथा इससे मधुमेह के होने का जोखिम कम हो जाता है।
अध्ययन के मुख्य लेखक केरन मैथ्यूज ने कहा कि इंसुलिन प्रतिरोधक क्षमता के स्तर के कारण मधुमेह होता है। हमने पाया कि किशोरावस्था में हर रोज छह घंटे की नींद के बाद एक घंटे की अतिरिक्त नींद ली जाये तो उससे इंसुलिन प्रतिरोध नौ प्रतिशत बढ़ जाता है। अध्ययन में हाई स्कूल के 245 स्वस्थ छात्रों की नींद की अवधि और इंसुलिन प्रतिरोध पर निगरानी रखी गई। यह अध्ययन स्लीप पत्रिका में प्रकाशित होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 1, 2012, 09:55