Last Updated: Monday, January 30, 2012, 17:55
लंदन : एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि डाक्टरों को नियमित रूप से दोनों बाजुओं से रक्तचाप मापना चाहिए क्योंकि बायीं और दायीं बाजू के बीच का अंतर नाड़ी संबंधी बीमारी और मौत के बढते खतरे के बारे में संकेत दे सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान दिशानिर्देशों में कहा जाता है कि रक्तचाप दोनों बाजुओं से मापा जाना चाहिए लेकिन अक्सर ऐसा नहीं होता है। शोध में पाया गया कि दोनों बाजुओं से रक्तचाप मापना नियमित इलाज का हिस्सा होना चाहिए।
‘द लैंसेट’ में छपे अध्ययन के लिए ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय के पेनिनसुला कालेज आफ मेडिकल एंड डेंटिस्ट्री के डाक्टर क्रिस्टोफर क्लार्क की अध्यक्षता में एक दल ने 28 अध्ययन दस्तावेजों की समीक्षा की।
इस दल ने पाया कि दोनों बाजुओं के बीच सिस्टोलिक रक्तचाप में पारे में 15 मिमी या इससे अधिक का अंतर आने का संबंध पैरों तक खून की आपूर्ति करने वाली धमनियों के कठोर होने से होता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 30, 2012, 23:25