Last Updated: Tuesday, June 26, 2012, 13:55

लंदन : ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पाया है कि धूम्रपान करने वाले पिता से बच्चों में जाने वाला जीन उनमें कैंसर के खतरे को बढ़वा देता है।
समाचार पत्र `डेली मेल` की रपट के मुताबिक ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि धूम्रपान पिता के डीएनए को नुकसान पहुंचाता है और इस तरह क्षतिग्रस्त जीन आनुवांशिक तौर पर बच्चों में पहुंच सकता है। इस तरह के जीन के कारण बच्चों के युवा होने पर उनमें कैंसर, खास तौर से ल्युकेमिया का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रैडफोर्ड विश्वविद्यालय की डायना एंडरसन ने कहा कि चूंकि जनन में सक्षम एक शुक्रोणु कोशिका को पूरी तरह विकसित होने में तीन महीने लगते हैं, लिहाजा पिता बनने का फैसला करने से 12 सप्ताह पहले उन्हें धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने कहा, गर्भधारण के दौरान धूम्रपान करने से बच्चे में आनुवांशिक बदलाव आ जाता है। यह बदलाव कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
इस बीच, ग्लासगो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पाया है कि अत्यधिक चाय पीने वाले पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने पाया कि एक दिन में 7 कप चाय पीने वाले पुरुष में 3 कप चाय पीने वाले की तुलना में इस रोग के चपेट में आने की सम्भावना पचास प्रतिशत बढ़ जाती है।
यह चेतावनी चार दशकों के दौरान 6 हजार लोगों के स्वास्थ्य पर किए गए शोध के बाद जारी की गई है।
लेकिन इसी दौरान सामने आया एक नया शोध इसका खंडन कर रहा है। इसमें यह सुझाव दिया गया है कि चाय पीने से कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और पार्किं सन रोग होने का खतरा कम हो जाता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 26, 2012, 13:55