Last Updated: Wednesday, July 31, 2013, 00:23

वाशिंगटन : एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने से कोशिकाओं में एक तरह का तनाव पैदा होता है, जो कोशिकीय एवं अनुवांशिक उत्परिवर्तन से संबद्ध है तथा इसके कारण कैंसर का खतरा पैदा हो जाता है।
अध्ययन के मुताबिक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कोशिकाओं में उत्पन्न होने वाला विशेष तनाव (ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस) डीएनए सहित मानव कोशिका के सभी अवयवों को नष्ट कर देता है। ऐसा विषाक्त पराक्साइड एवं स्वतंत्र कणों के विकसित होने के कारण होता है।
तेल अवीव विश्वविद्यालय के औषधि संकाय एवं नाक-कान-गला विभाग के अध्यक्ष यानिव हमजानी ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों के लार का अध्ययन किया, जिसके आधार पर उन्होंने मोबाइल फोन के इस्तेमाल और कैंसर से पीड़ित होने की दर के बीच संबंध स्थापित किया।
हमजानी, राबिन चिकित्सा केंद्र में गर्दन की सर्जरी विभाग के अध्यक्ष भी हैं। वेबसाइट साइंसडेली डॉट कॉम के अनुसार, हमजानी और उनके सहयोगी शोधकर्ता रफील फीनमेसर, थॉमस शपित्जर, गीडॉन बहर, रफी नागलर और मोशे गेविश ने अपना शोध इस परिकल्पना के आधार पर की कि चूंकि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते समय लार ग्रंथि बहुत नजदीक रहती है, इसलिए लार में उपस्थित तत्वों के आधार पर इसे जाना जा सकता है कि क्या इसका संबंध कैंसर होने से है।
मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने वाले और इस्तेमाल न करने वाले लोगों के बीच तुलनात्मक अध्ययन में उन्होंने पाया कि मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने वालों के लार में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस की उपस्थिति के संकेत अधिक हैं।
यह अध्ययन, वैज्ञानिक शोधपत्रिका `एंटीऑक्सिडेंट्स एंड रिडॉक्स सिग्नलिंग` में प्रकाशित हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 31, 2013, 00:23