Last Updated: Sunday, June 10, 2012, 20:57

लंदन : दिल के दौरों का असली गुनाहगार अब तक पर्दे के पीछे था जिसे भारतीय वैज्ञानिक सहित वैज्ञानिकों की एक टीम सामने लायी है और उनका दावा है कि अब तक अनजान इस स्टेमकोशिका की खोज से दिल की बीमारी के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं।
अब तक, यह माना जाता था कि रक्त नली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं मांसपेशी की कोशिकाओं से होती है लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफॉर्निया इन बेर्केली ने एक ऐसी स्टेम कोशिका की पहचान की जो अब तक अनजान थी। यह स्टेमकोशिका धमनियों को कड़ा बना देती है।
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इस अहम खोज से दिल के दौरों और पक्षाघात को लेकर नजरिया पूरी तरह बदल जाएगा और इनसे मरने वालों की संख्या में बेहद कमी आएगी। अनुसंधान दल के अगुवा प्रोफेसर सॉंग ली ने कहा, पहली बार हम इस बात के सबूत दे रहे हैं कि रक्त नली से जुड़ी बीमारियां वास्तव में स्टेम कोशिका बीमारी हैं।
प्रो ली के हवाले से डेली मेल ने कहा, इस खोज से रक्त नली संबंधी बीमारियों से जुड़े इलाज में क्रांति आ जाना चाहिए क्योंकि अब हमें मालूम है कि हमारा असल निशाना स्टेमकोशिकाएं हैं। उनकेसहकर्मी डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने कहा, यह एक बेहद अहम खोज है क्योंकि यह मौजूदा मत को चुनौती देता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 10, 2012, 20:57