Last Updated: Saturday, December 8, 2012, 18:39
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि भारतीय सहकारी संस्थाओं को पेशेवर बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए राज्यों के कानून में केन्द्रीय कानून के अनुरुप संशोधन करना होगा ताकि देश की छह लाख सहकारी संस्थायें स्वायत्त, आत्मनिर्भर और लोकतांत्रिक निकाय के रूप में काम कर सकें।