Last Updated: Friday, August 23, 2013, 14:19
आसाराम बापू पर लगे आरोपों के बाद एक बार फिर पूरे संत और कथावाचक समाज पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर ये कथित संत अपने गृहस्थ जीवन को छोड़कर संन्यास की ओर जाते ही क्यों हैं? समाज के दूसरे लोगों को चरित्र निर्माण और संयम की दीक्षा देने वाले ये लोग आखिर खुद मानसिक और यौन विकृतियों का शिकार हो रहे हैं?