Last Updated: Tuesday, October 16, 2012, 17:16
तालिबान के खिलाफ आवाज उठाकर 14वर्षीय पाकिस्तानी बालिका मलाला यूसुफजई आज हक और हिम्मित की मिसाल बन गई है। लड़कियों की शिक्षा और महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज उठाकर शांति कार्यकर्ता मलाला ने सिर्फ दहशतगर्दों के खिलाफ बड़ी आवाज बनी बल्कि उसके प्रयासों ने अंधियारे के बीच उम्मीद की एक किरण जगा दी है।