Last Updated: Monday, September 2, 2013, 10:30
बीते कई दिनों से रुपये की बेदम होती चाल पर अर्थव्यवस्था को पलीता लग रहा है, जिसका खामियाजा निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में देश के आम लोगों को भुगतना होगा। हालत ये है कि आज रुपया दुनिया की सबसे कमजोर मुद्रा में से एक हो गई है। ऐसे में सरकारी खजाने का बढ़ता घाटा खतरनाक स्तर तक जा सकता है।