Last Updated: Sunday, June 23, 2013, 11:39
उत्तराखंड में प्रकृति का कहर एक तरह से इंसानी लालच पर गहरा चोट है। प्रकृति ने इस आपदा के माध्यम से इंसान को आगाह किया है कि अब भी वक्त है, प्रकृति के विरुद्ध विकास की इंसानी लालच पर अब भी विराम नहीं लगाया गया तो आने वाले कुछ वर्षों में इससे बड़ा जल प्रलय आ सकता है।