Last Updated: Sunday, March 16, 2014, 15:54
देश में 16वीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही आम चुनाव में हिस्सा लेने वाले राजनीतिक दलों की बाढ़ सी आ गई है। बड़े राजनीतिक दल भले ही इन्हें तवज्जो नहीं दे रहे हैं, पर छोटे दल और चुनाव विश्लेषक क्षेत्रीय स्तर पर इनके प्रभाव को नकार नहीं रहे हैं, खासकर ऐसे में जब आम आदमी पार्टी ने गठन के सिर्फ एक वर्ष के भीतर अपनी छाप छोड़ी है।