Last Updated: Sunday, June 10, 2012, 17:00
पहले यह कहावत बेहद प्रचलित थी कि दिल्ली दिल वालों की, मुंबई पैसे वालों की यानी दिल्ली जो भी आता था उसे गुजर-बसर करने के लिए दो वक्त की रोटी और रात गुजारने के लिए आशियाना आसानी से मयस्सर हो जाता था। लेकिन हाल के कुछ बर्षों में बढ़ती महंगाई और सरकार की जन विरोधी नीतियों ने कम आय वाले लोगों को दिल्ली से भागने के लिए मजबूर कर दिया है।