Last Updated: Saturday, November 2, 2013, 21:36
सिर पर टोपी रख लेने भर से कोई मुस्लिम धर्म का जानकार नहीं हो सकता। यह कहना है जमीअत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का। मदनी यह भी मानते हैं कि सेक्युलरिज्म जिंदा रहेगा तो ही मुल्क भी जिंदा रहेगा।