Last Updated: Sunday, September 23, 2012, 16:45
हिंदी के उत्थान के लिए उसे जनसाधारण की भाषा बनाने और सरकारी फाइलों से बाहर निकालने की मांग करते हुए यहां विश्व हिंदी सम्मेलन में हिंदी विद्वानों ने पुरजोर तरीके से इस बात को रेखांकित किया कि केवल हिंदी के जरिए ही देश में लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की जा सकती है।