Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 20:15
हर साल की तरह इस बार भी 5 सितंबर शिक्षक दिवस से रूप में मनाया जा रहा है। गुरु और शिष्य के रिश्तों का यह पर्व अब अपनी चमक खोता जा रहा है। इस रिश्तों पर बाजारवाद ने कड़ा प्रहार किया है जिससे शिष्य का गुरु के प्रति सम्मान और गुरु का शिष्यों के लिए समर्पण खत्म होता जा रहा है। इसकी मुख्य वजह शिक्षा का निजीकरण है।