Last Updated: Saturday, August 25, 2012, 16:38
इंदिरा गांधी ने 1973 में कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया तो मनमोहन सिंह ने 1995 में ही बतौर वित्त मंत्री कोल इंडिया लिमिटेड से कहा कि सरकार के पास देने के धन नहीं है और उसके बाद कोल इंडिया में दोबारा ठेके पर काम होने लगा।