लंदन : लगातार चार हार झेलने के बाद लंदन ओलम्पिक में भारतीय हॉकी टीम अपने ग्रुप स्तर के पांचवें और अतिम मुकाबले में मंगलवार को बेल्जियम के खिलाफ मैदान में उतरेगी। ग्रुप-`बी` में भारत किसी भी हाल में इस हार को टालना चाहेगा क्योंकि यह हार उसे 12 टीमों के बीच फिसड्डी साबित कर देगी।
आठ बार के ओलम्पिक चैम्पियन भारतीय टीम पर हार की `क्लीन स्वीप` का खतरा मंडराने लगा है। यूरोपियन चैम्पियनशिप में बेल्जियम की टीम चौथे स्थान पर रही थी और वह इस समय आत्मविश्वास से लबरेज है।
लंदन ओलम्पिक में 12 टीमें हिस्सा ले रही हैं। भारतीय टीम के सामने नौंवे से सबसे निचले यानी 12 स्थान से दूर रहने की चुनौती है।
इससे पहले, भारतीय टीम 1996 अटलांटा ओलम्पिक में आठवें स्थान पर रही थी जो ओलम्पिक में उसका अब तक का खराब प्रदर्शन है।
फरवरी में आयोजित हॉकी क्वालीफायर मुकाबले में जिस प्रकार भारतीय टीम ने अपने घर में अन्य टीमों को हराकर ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था उससे देश को अपनी टीम से पदक की उम्मीद बन गई थी।
इससे पहले, ओलम्पिक में भारत और बेल्जियम की टीमें तीन बार भिड़ चुकी हैं। इस दौरान भारत ने बेल्जियम को दो बार हराया है। भारत ने 1968 में बेल्जियम को 2-1 से जबकि 1928 ओलम्पिक में 9-0 से पराजित किया था।
बेल्जियम के कप्तान मैक्सिम लूएक्सी 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और उनकी टीम ने हाल के दिनों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
उधर, सम्मान की लड़ाई में भारत को रविवार को दक्षिण कोरिया से हार झेलनी पड़ी। भारत को बेल्जियम से प्रेरणा लेने की जरूरत है जिसने दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराया जबकि न्यूजीलैंड से 1-1 से ड्रॉ खेला। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 7, 2012, 12:58
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