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ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी का सुनहरा सफर

Tuesday, July 3, 2012, 18:58
Comments 2  
ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी का सुनहरा सफरनई दिल्ली : दुनिया भर में हॉकी की धमक और चमक तो आज भी देखने को मिलती है। ओलंपिक में भारतीय हॉकी का सफर काफी शानदार रहा है। खासतौर पर जब हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का युग था। जब से ध्यानचंद युग की शुरुआत हुई तब से भारतीय हॉकी ने पटलकर पीछे नहीं देखा। जब तक ध्यानचंद का जलवा मैदान पर रहा तब तक भारतीय हॉकी का हक उससे कोई नहीं छीन सका और भारतीय हॉकी का परचम दुनिया भर में लहराता रहा।

1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक्स कई मायने में एतिहासिक था। अगर भारतीय खेल प्रेमियों की बात करें
तो यहां से हॉकी में ध्यानचंद युग की शुरूआत हुई। भारतीय हॉकी टीम ने पहला गोल्ड मेडल 1928 में जीता और अगले 28 साल तक भारत लगातार ओलंपिक चैंपियन रहा। भारत ने इस दौरान 24 मैच खेले, सभी 24 मैच जीते और विरोधी खेमे में 7.43 की औसत से 178 गोल दागे।

एम्सटर्डम ओलंपिक्स में जयपाल सिंह की अगुवाई में भारत को स्वर्ण पदक मिला। इस ओलंपिक विजेता टीम में हॉकी के जूनियर मेजर ध्यानचंद भी थे। युवा ध्यानचंद ने अपने खेल से एम्सटर्डम के खेलप्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे टूर्नामेंट में जहां ध्यानचंद की जादूगरी शबाब पर थी, वहीं कोई भी विरोधी टीम एक बार भारतीय गोलपोस्ट को भेदने के लिए तरस गई। वैसे एम्सटर्डम ओलंपिक्स में कई परंपराओं की नींव रखी गई, जो ओलंपिक्स खेलों की पहचान बन चुकी है।

नीदरलैंड की राजधानी में खेल की दुनिया के इस महामेले में ओलंपिक्स में पहली बार मशाल जलाई गई। पहली बार ओलंपिक्स की मातृ भूमि ग्रीस की टीम के साथ मार्च पास्ट की शुरूआत हुई और आखिर में मेजबान टीम आई। पूरा ओलंपिक्स 16 दिनों में पूरा कराया गया, जो अब तक जारी है।

कोका कोला ने एम्सटर्डम ओलंपिक्स को स्पांसर किया और ये ओलंपिक्स में स्पांसरशिप की शुरूआत थी और 1912 के बाद जर्मनी पर ओलंपिक्स में शामिल होने पर लगी पाबंदी 1928 में खत्म हुआ।एम्सटर्डम ओलंपिक्स से ही समर ओलंपिक्स परंपरा की शुरूआत हुई। ओलंपिक्स का इतिहास हमेशा के लिए 1928 एम्सटर्डम ओलंकिप गेम्स की चर्चा किए बिना अधूरा रहेगा।

First Published: Tuesday, July 3, 2012, 18:58

टिप्पणी

kailash Rajak - bilaspur chhattisgarh
hockey kay jadugar
जवाब

pro.yogesh m patil - maharashtra nagpur
dear sir, so nice history of hokey .
जवाब

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