नई दिल्ली : भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ओलंपिक पदक हासिल करने में चूकने से काफी निराश हैं और उन्होंने कहा कि जजों के खराब फैसलों ने भारतीय मुक्केबाजों के मनोबल को प्रभावित किया।
मिडिलवेट (75 किग्रा) के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज ने चार साल पहले बीजिंग में पहला ओलंपिक मुक्केबाजी पदक जीता था लेकिन वह लंदन में क्वार्टरफाइनल में हार गए। उन्हें लगता है कि लंदन में उनका प्रदर्शन बीजिंग से बेहतर था। इस 26 वर्षीय मुक्केबाज ने कहा, ‘यही खेल है, ऐसा होता है। लेकिन मैं संतुष्ट हूं कि मैंने अपना शत प्रतिशत दिया। मेरे प्रयास में कोई कमी नहीं थी। मुझे लगता है कि जब आपने अपना सब कुछ दिया हो तो हारने में कोई शर्म नहीं है।’ विजेंदर ने कहा कि जब सुमित सांगवान (81 किग्रा) के शुरुआती करीबी बाउट में हारने के बाद की गई अपील खारिज हो गई तो टीम पर इसका काफी असर पड़ा था ।
उन्होंने कहा, ‘इतने बड़े स्तर के खेलों में इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए। मेरे हिसाब में सुमित, मनोज कुमार और एल देवेद्रों सिंह ने अपनी बाउट जीत ली थी लेकिन उन्हें स्कोर नहीं मिले। इस तरह के खराब फैसलों से टीम के मनोबल पर असर पड़ा।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 9, 2012, 17:52
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