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डोप प्रकरण से उबरकर छाप छोड़ने को बेताब एथलीट |
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 नई दिल्ली : ओलंपिक खेलों से पहले अब तक के सबसे बड़े डोपिंग प्रकरण में से एक का सामना करने वाली भारतीय एथलेटिक्स टीम लंदन ओलंपिक खेलों में दमदार प्रदर्शन करके इस धब्बे को धोने की कोशिश करेगी। एथलेटिक्स को स्टेरायड डोपिंग प्ररकण का सामना करना पड़ा था जिसमें लंबी दूरी के छह शीर्ष धावक शामिल थे। इसमें एशियाई खेलों की दोहरी स्वर्ण पदक विजेता अश्विनी अकुंजी तथा चार गुणा 400 मीटर टीम की उनकी तीन साथी सिनी जोस, मनदीप कौर और मनजीत कौर भी शामिल थी। नाडा ने इन सभी पर एक साल का प्रतिबंध लगाया था।
इनका प्रतिबंध ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय खत्म होने से कुछ पहले ही पूर्ण हुआ लेकिन लंदन खेलों में भाग लेने की इनकी कोई भी उम्मीद उस समय टूट गई जब आईएएएफ ने स्विट्जरलैंड में खेल मध्यस्थता अदालत में अपील करके प्रतिबंध को दो साल तक बढ़वा दिया।
राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में दमदार प्रदर्शन के बाद इस डोपिंग प्रकरण ने भारत में एथलेटिक्स की छवि को धूमिल किया। ओलंपिक से पहले हालांकि कुछ एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन भी किया। विकास गौड़ा प्रतिष्ठित डाइमंड लीग सीरीज में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने जबकि अप्रैल में संक्षिप्त समय के लिए आईएएएफ रैंकिंग में शीर्ष पर भी पहुंचे।
भारत की ओर से 14 एथलीटों ने लंदन ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया है जो सिडनी 2000 में 24 के बाद भारतीय एथलीटों की सबसे बड़ी टीम है। लेकिन इनमें से केवल दो गौड़ा और कृष्णा पूनिया ही पदक के दावेदार हैं। ये दोनों चक्का फेंक की क्रमश: पुरुष और महिला स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे। भारत के कुछ जाने माने एथलीट लंदन के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम भी रहे जिनमें एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जोसफ अब्राहिम, प्रीजा श्रीधरन और कवित राउत भी शामिल हैं।
गौड़ा ने अमेरिका के ओकलाहामा में अप्रैल में 66.28 मीटर की दूरी तक चक्का फेंककर नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था। लेकिन अगर उन्हें लंदन में पदक जीतना है तो अपने इस सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा क्योंकि आईएएएफ की सूची में 16 खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने उनसे अधिक की दूरी तय की है। जर्मनी के गत विश्व और यूरोपीय चैम्पियन राबर्ट हार्टिंग 70.66 मीटर की दूरी के साथ शीर्ष पर हैं।
पूनिया फिलहाल आईएएएफ की सूची में नौवें स्थान पर है लेकिन अगर उन्हें लंदन में पदक जीतना है तो 65 मीटर की दूरी से अधिक चक्का फेंकना होगा जो मई में अमेरिका में बनाए उनके 64.76 मीटर के राष्ट्रीय रिकार्ड से अधिक है। मौजूदा सत्र में अब तक छह खिलाड़ी 67 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं।
गोला फेंक के खिलाड़ी ओम प्रकाश ने भी ओलंपिक से पहले 20.69 मीटर के साथ नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है लेकिन इस दूरी के साथ वह अपने पहले ओलंपिक में फाइनल्स में जगह बनाने के ही लक्ष्य के साथ उतर सकते हैं। पैदल चाल में हालांकि गुरमीत सिंह, बलजिंदर सिंह और इरफान (सभी 20 किमी पैदल चाल) तथा बहादुर राणा (50 किमी पैदल चाल) ने क्वालीफाई करके हैरान किया है। राणा के अलावा तीनों ने क्वालीफिकेशन ए स्तर हासिल किया है लेकिन लंदन में इनकी राह आसान नहीं होने वाली।
जनवरी में मुंबई में दो घंटे 16 . 59 सेकेंड के साथ दो घंटे 18 मिनट का ओलंपिक बी स्तर हासिल करने वाले मैराथन धावक राम सिंह को अगर शीर्ष खिलाड़ियों में जगह बनानी है तो अपने समय में कई मिनट का सुधार करना होगा। इसके अलावा टिंटू लूका (800 मीटर), सीमा अंतिल (चक्का फेंक), रंजीत महेश्वरी (त्रिकूद), मयूखा जानी (त्रिकूद), सुधा सिंह (300 मीटर स्टेपलचीज) और सहाना कुमार (उंची कूद) को लक्ष्य अंतिम दौर तक जगह बनाना होगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 10, 2012, 14:34
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