नई दिल्ली : अनुभवी मिडफील्डर इग्नेस टिर्की का मानना है कि भारतीय हॉकी टीम पिछले 32 वर्षों में कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पायी लेकिन अब लंदन ओलम्पिक में उसे पदक जीतकर हॉकी के दीवाने इस देश में इस खेल को फिर से जीवित करना होगा।
लंदन ओलम्पिक जाने वाली भारतीय टीम में शामिल टिर्की ने कहा, ‘मास्को के 1980 के ओलम्पिक खेलों में हमने अंतिम बार स्वर्ण पदक जीता था उसके बाद से हमने कोई बड़ा खिताब नहीं जीता। यह बहुत बड़ा अंतराल है।’ उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा मौका होगा कि भारतीय हाकी टीम ओलम्पिक में कोई पदक जीते। लंदन ओलम्पिक पदक जीतने से क्रिकेट को एक धर्म की तरह माने जाने इस देश में हॉकी को फिर से जिंदा करने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हमें केवल संख्या बढाने के लिये ओलम्पिक खेलों में भाग नहीं लेना चाहिये बल्कि ओलम्पिक पदक जीतना बहुत जरूरी है। लंदन जाने वाली भारतीय हाकी टीम में संदीप सिंह के अलावा टिर्की दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें ओलंपिक में खेलने का अनुभव है। ये दोनों अपने दूसरे ओलंपिक में शिरकत कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में इग्नेस ने कहा, ‘मैं अपने को बहुत भाग्यशाली मानता हूं जो देश के लिये दूसरी बार ओलम्पिक खेलों में भाग ले रहा हूं। ओलम्पिक खेलों में पदक जीतना ही महत्वपूर्ण होता है। यह बात महत्व नहीं रखती कौन-कौन खिलाड़ी कितने ओलम्पिक खेल चुका है। भारत पिछले बीजिंग ओलम्पिक खेलों में क्वालीफाई करने से चूक गया था। इग्नेस ने मुख्य कोच माइकल नोब्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके ही प्रयासों से भारतीय टीम ओलम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में कामयाब हो चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 8, 2012, 15:24
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