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भारतीय बॉक्सरों का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ : संधू |
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नई दिल्ली : भारत के जिन मुक्केबाजों को लेकर इतनी ज्यादा उम्मीदें बंधी हुई थी, वे लंदन ओलंपिक खेलों में कोई पदक नहीं जुटा सके लेकिन राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने आज जोर देते हुए कहा कि देश के मुक्केबाजों ने इस महासमर में अपना ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन’ किया।
संधू ने सात सदस्यीय पुरूष टीम के अभियान के समाप्त होने के बाद कहा, ‘हम शानदार तरीके से लड़े लेकिन हमें पदक नहीं मिला। हम इस अच्छे प्रदर्शन को पदक में तब्दील नहीं कर सके लेकिन इससे हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि लड़कों ने शानदार प्रदर्शन किया।’ भारत की ओर से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा मुक्केबाजी दल था। इन्हें पदक का प्रबल दावेदार समझा जा रहा था लेकिन बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदकधारी विजेंदर सिंह (75 किग्रा) समेत सभी सातों मुक्केबाज लंदन में पदक की दहलीज तक नहीं पहुंच पाए। केवल महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकाम (51 किग्रा) ही भारतीय मुक्केबाजी को कांस्य पदक दिला सकीं।
हालांकि खेलों के दौरान भारतीयों को कुछ विवादास्पद फैसलों का भी सामना करना पड़ा और लंदन खेलों की मुक्केबाजी स्पर्धा पर लगातार खराब स्कोरिंग और रैफरिंग का काफी असर पड़ा। भारत के सुमित सांगवान (81 किग्रा) की शुरूआती राउंड की बाउट पर अपील खारिज हुई। इसके बाद विकास कृष्ण (69 किग्रा) की प्री क्वार्टरफाइनल जीत का परिणाम उनकी प्रतिद्वंद्वी अमेरिकी टीम की अपील के बाद बदल दिया गया। भारतीयों ने इस मामले को खेल पंचाट में उठाने की कोशिश की लेकिन कानूनी सलाह लेने के बाद उन्होंने खुद इसे वापस लेने का फैसला किया।
मनोज कुमार (64 किग्रा) घरेलू प्रबल दावेदार थामस स्टाकर से कड़े मुकाबले में हार गये और वह चिल्ला रहे थे ‘धोखा, धोखा, धोखा’। राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी मनोज बाउट के दौरान दबदबा बनाने के बावजूद हार गए जिसमें रैफरियों ने उनके प्रतिद्वंद्वी को चेतावनी नहीं दी जबकि वह जरूरत से ज्यादा झुक रहा था। यहां तक की एल देवेंद्रो सिंह (49 किग्रा) की क्वार्टर फाइनल में मिली हार में भी रैफरिंग पर सवाल उठ रहे थे क्योंकि रिंग अधिकारी ने आयरलैंड के पैडी बार्नेस को प्रतिद्वंद्वी को पकड़ने के लिये काफी देर में चेतावनी दी।
संधू ने कहा, ‘देवेंद्रो अच्छा खेला और उसके प्रदर्शन की पेशेवर मुक्केबाजी स्टार आमिर खान ने भी तारीफ की जो स्टैंड में मौजूद थे। उन्होंने हमसे कहा कि हमारे मुक्केबाजों ने प्रभावित किया।’ अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष डॉ. चिंग कुओ वु भारतीयों द्वारा विरोध दर्ज कराने से खुश नहीं थे। भारतीय दल के एक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘उन्होंने (चिंग कुओ वु) कहा कि भारतीय ज्यादा ही विरोध कर रहे हैं। उन्हें बाउट अच्छी तरह देखनी चाहिए और फिर देखना चाहिए कि विरोध दर्ज कराना है या नहीं।’ एआईबीए को इन विरोधों के बीच दो जज को निलंबित करना पड़ा और बाउट के दो फैसले भी बदलने पड़े।
संधू ने कहा, ‘स्कोरिंग प्रणाली में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन जो लोग इसे लागू करते हैं, यह उन पर निर्भर है, उन्हें एक जैसा रवैया अपनाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन ओवरआल पदक नहीं जीतना निराशाजनक है। हमने रिंग में अच्छी फाइट दी और प्रशंसकों ने भी हमारी प्रशंसा की लेकिन बीजिंग ओलंपिक के बाद यहां पदक नहीं जीतना सचमुच निराशाजनक है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 9, 2012, 15:52
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