लंदन : लंदन ओलंपिक में लगातार चार मैच गंवाने के बाद भारतीय हॉकी टीम पर अब 1996 के विश्व कप की तरफ अंतिम स्थान पर रहने का खतरा मंडराने लगा है और उसे अब इससे बचने के लिये कल यहां बेल्जियम के खिलाफ होने वाले मैच में हर हाल में बेहतर प्रदर्शन करके र्ढे पर लौटना होगा।
भारत पूल बी में बेल्जियम से यदि जीत भी जाता है तब भी उसे अपने ग्रुप में आखिरी स्थान ही मिलेगा और उसे प्ले ऑफ में 11वें और 12वें स्थान के लिये ही खेलना पड़ेगा। ओलंपिक हॉकी प्रतियोगिता में भारत एकमात्र ऐसी टीम है जिसने कोई अंक हासिल नहीं किया है जबकि ग्रुप बी में अन्य टीमों के कम से कम चार अंक जरूर है। बेल्जियम की टीम जीत के प्रति प्रतिबद्ध है लेकिन यदि भारत उसे हरा भी देता है तब भी भारत सबसे निचले पायदान पर रहेगा।
भारतीय टीम के कोच माइकल नोब्स ने कहा, यही सचाई है और हमें अब इसका सामना करना है। नोब्स ने कहा कि खिलाड़ियों ने काफी कड़ी मेहनत की थी और वे शीर्ष टीमों का सामना करने के लिये तैयार थी। लेकिन उन्होंने खुद को, टीम को, समर्थकों और अपने देश को नीचा दिखाया है। अपने देश की तरफ से खेलने अधिकार भगवान ने नहीं दिया है। यह सम्मान आप कड़ी मेहनत के जरिये हासिल करते हो। यदि वे नहीं खेल सकते तो हमें आगे बढ़ना होगा।
यह सिर्फ हार का मसला नहीं था बल्कि जिस तरह से भारतीयों ने प्रदर्शन किया उससे हाकी प्रेमी अधिक निराश हैं जो प्रत्येक मैच में खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिये यहां उपस्थित रहे लेकिन आखिर में उन्हें निराशा के साथ वापस लौटना पड़ा। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 6, 2012, 16:58
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