Last Updated: Saturday, September 7, 2013, 19:21

नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था पर दबाव का सामना कर रहे वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि आने वाले कुछ दिनों और हफ्तों में ‘कड़े फैसले’ करने होंगे ताकि व्यर्थ के खर्च में कटौती हो सके और अनावश्यक वस्तुओं का आयात रोका जा सके।
राज्यसभा में 2013-14 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के ‘विनियोग (संख्यांक 4) विधेयक 2013’ पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने माना कि मुद्रास्फीति बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था के दबाव में है।
उन्होंने कहा, ‘हम दबाव के दौर से गुजर रहे हैं। हमें कुछ कड़े फैसले करने हैं। इनमें से अधिकांश उपाय किए जा रहे हैं और आने वाले कुछ दिनों एवं हफ्तों में कई अन्य उपायों की घोषणा की जाएगी। अनावश्यक वस्तुओं का आयात रोकने के लिए भी उपायों की घोषणा की जाएगी। इन सभी उपायों का लाभकारी प्रभाव पड़ेगा।’
वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति को सबसे खराब किस्म का कराधान बताते हुए कहा कि इससे अत्यंत गरीब लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई को काबू में करने के लिए सरकार जल्द ही कुछ और कदम उठाएगी।
चिदंबरम के जवाब के बाद सदन ने विधेयक लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के बढ़ रहे दाम के परिप्रेक्ष्य में देश में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और रुपये में गिरावट के मुद्दे पर चिदंबरम ने कहा ‘इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया है और जल्दबाजी में कोई निर्णय किया भी नहीं जाएगा।’
उन्होंने कहा कि कोई भी कदम उठाने से पहले सरकार उसके नफे नुकसान दोनों पहलुओं को देखेगी। पेट्रोलियम उत्पादों पर कर कटौती के सुझाव पर चिदंबरम ने कहा कि इस पर विचार किया जा सकता है बशर्ते राज्य भी तेल उत्पादों पर कर कटौती के लिए राजी हों।
चिदंबरम ने कहा कि रुपये में अचानक आई गिरावट का कारण मौद्रिक प्रोत्साहन उपाय वापस लेने के बारे में 22 मई को अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा की गई घोषणा है। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में उतार चढ़ाव को रोकने के लिए पूंजी प्रवाह बढ़ाने के और उपाय किए जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 7, 2013, 19:21