Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 19:52
महंगाई, इस शब्द के कान में पड़ते ही रूह कांपने लगती है। जीवन को लीलने के लिए तैयार महंगाई से सिर्फ देश की आम जनता ही नहीं, बल्कि हर तबके के लोग त्रस्त हैं। जिंदगी जीने के लिए पहले से ही न जानें क्या क्या और किन किन चीजों का जुगाड़ करना पड़ता था और अब इस महंगाई ने तो ऐसा कहर ढाया है कि जुगाड़ भी अब बेमानी नजर आने लगे हैं।