Last Updated: Tuesday, September 24, 2013, 19:23
नई दिल्ली : केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों से निपटने के लिये नियमों में और सख्ती की है। सीबीडीटी ने आयकर अधिकारियों से कहा है कि इस प्रकार के मामलों से निपटने में समान प्रक्रिया अपनायें।
सीबीडीटी ने अपने शीर्ष अधिकारियों को एक संदेश जारी कर कहा है, आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने के मामलों की निगरानी करने की मौजूदा प्रक्रिया की बोर्ड ने जांच परख की है। ऐसा देखा गया है कि कररिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के मामलों की निगरानी समान रूप से नहीं की जा रही है। आकलन अधिकारियों द्वारा ऐसे मामलों से निपटने में सामंजस्य की कमी की वजह से ऐसा हो रहा है। सीबीडीटी ने इस मामले में ‘संचालन प्रक्रिया के मानक’ जारी किये हैं। ये मानक ऐसे मामलों में प्रक्रियाओं को सुनियोजित करने के लिहाज से जारी किये गये हैं, ताकि रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले मामलों की निगरानी प्रणाली में सामंजस्य लाया जा सके।
दिशानिर्देशों के मुताबिक रिटर्न दाखिल नहीं होने की निगरानी प्रणाली में मामला आने के 15 दिन के भीतर संबंधित करदाता को आकलन अधिकारी द्वारा पत्र भेजना चाहिये जिसमें रिटर्न के बारे में जानकारी मांगी जायेगी।
ऐसे मामले जहां करदाता की पहचान कर ली गई है और पत्र में दिये गये समय के 30 दिन के भीतर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया, तो आकलन अधिकारी आगे कार्रवाई की शुरआत कर सकता है।
सीबीडीटी ने ऐसे 12 लाख लोगों की पहचान की है जिन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया है। आयकर विभाग ऐसे लोगों को पत्र भेज रहा है और रिटर्न दाखिल करने और कर का भुगतान करने को कह रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार कर विभाग ने 2.45 लाख मामलों में पत्र भेजे हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 24, 2013, 19:23