Last Updated: Sunday, January 27, 2013, 21:20

आगरा : भारत और यूरोपीय संघ के बीच वृहद मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता जल्द पूर्ण होने की उम्मीद है। इससे दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापारिक और आर्थिक रिश्तों को बढ़ावा मिलेगा। इस वार्ता में पहले ही काफी विलंब हो चुका है।
सीआईआई के सालाना भागीदारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने आज यहां कहा, ‘‘हमारी कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के लिए बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के साथ द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश करार (बीटीआईए) जल्द पूर्ण होने के कगार पर है।’’
भारत अपने सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार यूरोपीय संघ के साथ 2007 से एफटीए के जरिये वस्तुओं, सेवाओं ओर निवेश को उदार बनाने के लिए बातचीत कर रहा है। एफटीए के तहत व्यापार से संबंधित 90 प्रतिशत शुल्कों को समाप्त किया जाएगा। इससे सेवाओं और निवेश के लिए दोनों बाजार खुल सकेंगे।
शर्मा ने कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि अब भी नरम है और इसके एक बार फिर से मंदी की गिरफ्त में जाने का जोखिम बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि जो ताजा संकेत मिल रहे हैं उनसे लगता है कि वैश्विक वृद्धि 3.5 फीसद पर कमजोर रहेगी। यह पिछले साल 3.2 फीसद रही थी।
शर्मा ने कहा कि अधिक चिंता की बात यह है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि की रफ्तार सुस्त है। ‘‘पिछले साल इन अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर 5.1 फीसद रही थी, जो पिछले एक दशक का सबसे निचला स्तर है।’’
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि यूरो क्षेत्र की स्थिति भी कमजोर बनी हुई है, हालांकि यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने इसमें हस्तक्षेप किया है। शर्मा ने कहा कि अमेरिका के समक्ष भी ‘फिस्कल क्लिफ’ का संकट मंडरा रहा है और किसी तरह के बहुपक्षीय करार की अनुपस्थिति में चिंता बनी हुई है।
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 12 राष्ट्रीय विनिर्माण एवं निवेश क्षेत्रों (निम्ज) को अनुमति दी है। उन्होंने बताया कि ये विशाल औद्योगिक क्षेत्र होंगे जहां विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार इन क्षेत्रों को प्रोत्साहन के लिए कई तरह की रियायतें मसलन पूंजी लाभ कर से छूट और उदार श्रम और पर्यावरण कानूनों की पेशकश कर रही है।
शर्मा ने जोर देकर कहा कि बड़ी संख्या में रोजगार सृजन की जरूरत है, क्योंकि आगामी बरसों में लाखों युवा कार्यबल में शामिल होने को तैयार हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 27, 2013, 21:20