Last Updated: Thursday, July 26, 2012, 16:27
नई दिल्ली : ऊंची ब्याज दरों की वजह से कुल मुद्रास्फीति में इजाफा हो रहा है और इससे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मूल्यवृद्धि पर अंकुश के प्रयास बेकार हो रहे हैं। उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन में यह बात कही गई है।
अध्ययन में कहा गया है कि विनिर्माताओं की ऊंची ब्याज दरों को झेलने की क्षमता अब अपने अंतिम बिंदु तक पहुंचने को है। इसमें कहा गया है कि अब से ब्याज लागत से खर्च बढ़ेगा। ऐसे में इसमें हैरानी नहीं है कि अब ज्यादा से ज्यादा कंपनियां रिजर्व बैंक तथा वाणिज्यिक बैंकों के पास ऋण पुनर्गठन के लिए कतार लगाए खड़ी हैं।
उद्योग मंडल ने केंद्रीय बैंक से नीतिगत दरों में कटौती की मांग करते हुए कहा है कि ऊंची ब्याज दरों की वजह से देश का औद्योगिक उत्पादन और आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है। एसोचैम के अध्यक्ष राजकुमार धूत ने एक बयान में कहा, ‘उद्योग मंडल रिजर्व बैंक से नीतिगत रुख को पलटने का आग्रह करता है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो इसका औद्योगिक उत्पादन पर असर पड़ेगा और अंतत: इसका असर जीडीपी पर दिखाई देगा।’ मालूम हो कि केंद्रीय बैंक अपनी पहली तिमाही की मौद्रिक नीति की समीक्षा 31 जुलाई को पेश करने वाली है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 26, 2012, 16:27