Last Updated: Saturday, October 1, 2011, 12:58
दिल्लीः केंद्रीय कैबिनेट द्वारा नई खनन नीति को मंजूरी देने के बाद प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नई खनन नीति पर ऐतराज जताते हुए कहा कि नई नीति उद्योग की समस्याओं के निदान के लिए पर्याप्त नहीं है. सरकार नई नीति लाने में काफी देर कर दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि निजी खनन कंपनियों के मुनाफे का 50 फीसदी हिस्सा स्थानीय लोगों में बांटा जाए.
जबकि दूसरी ओर सीआईआई ने भी नई खनन नीति को नाकाफी बताया. सीआईआई का कहना है कि उद्योग रॉयल्टी या मुनाफे के हिस्से को लेकर चिंतित है क्योंकि कंपनियां सीएसआर के तहत पहले से ही बड़ी राशि सामाजिक योजनाओं पर खर्च कर रही हैं.
नई खनन नीति के तहत कोयला कंपनियां अपने मुनाफे का 26 फीसदी हिस्सा स्थानीय लोगों के साथ बांटेंगी. जबकि दूसरी खनन कंपनियां रॉयल्टी के बराबर हिस्सा स्थानीय लोगों को देंगी.
कैबिनेट से पास नई खनन नीति को संसद की मंजूरी के लिए शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.
First Published: Saturday, October 1, 2011, 18:28