Last Updated: Friday, November 4, 2011, 10:54
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पेट्रोल की कीमतों में हाल की वृद्धि का मुद्रास्फीति पर कुछ असर पड़ेगा। सकल मुद्रास्फीति दोहरे अंक के करीब पहंच चुकी है।
प्रणब ने यहां संवाददाताओं से कहा कि निश्चित रूप से मुद्रास्फीति पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। लेकिन तेल कीमतें ऊपर जा रही है और पेट्रोल नियंत्रण मुक्त है। तेल कंपनियों ने रुपये के मूल्य में गिरावट के कारण कच्चे तेल आयात की लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए कल पेट्रोल की कीमत में 1.80 रुपया प्रति लीटर की वृद्धि की। इस वृद्धि के मद्देनजर दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 58.64 रुपये लीटर हो गई है।
यह पूछे जाने पर कि कीमत वृद्धि को लेकर सरकार की सहयोगी दलों को अंधेरे में क्यों रखा गया, मुखर्जी ने कहा कि सरकार में कोई नहीं जानता क्योंकि पेट्रोल कीमतों में वृद्धि तेल कंपनियां कर रही है न कि सरकार। डीजल, केरोसीन और गैस जरूरी नियंत्रित वस्तुएं हैं। संप्रग सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि को लेकर नाराजगी जताई है। जहां माकपा ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि को वापस लेने की मांग की है, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने लोगों के साथ ‘आधीरात की धोखाधड़ी’ करार दिया है।
पेट्रोल की कीमत में वृद्धि उस समय हुई है जब सकल प्रकार की वस्तुओं पर आधारित मुद्रास्फीति दोहरे अंक के करीब पहंच चुकी है और इस कदम का कीमतों पर व्यापक असर पड़ सकता है। सितंबर महीने में सकल मुद्रास्फीति 9.72 प्रतिशत रही जो रिजर्व बैंक के 5-6 प्रतिशत के सामान्य स्तर से अधिक है। पिछले वर्ष जून में पेट्रोल की कीमत को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 4, 2011, 16:25