बिजली वितरण कंपनियों के लिए ऋण पुनर्गठन योजना को मंजूरी

बिजली वितरण कंपनियों के लिए ऋण पुनर्गठन योजना को मंजूरी

बिजली वितरण कंपनियों के लिए ऋण पुनर्गठन योजना को मंजूरीनई दिल्ली : बिजली क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने राज्य बिजली बोर्डों’ के 1.9 लाख करोड़ रुपए के ऋण पुनर्गठन योजना को सोमवार को मंजूरी दे दी। इस पहल का मकसद दिवालिया होने के कगार पर पहुंची बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाना है।

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) द्वारा मंजूरी नीति के तहत अल्पकालिक देनदारी का 50 प्रतिशत का वहन राज्य सरकारें करेंगी।

यहां जारी सरकारी बयान के अनुसार पुनर्भुगतान की बेहतर शर्तों’ के तहत शेष 50 प्रतिशत कर्ज का पुनर्गठन किया जाएगा।

अनिवार्य शर्त के तहत 31 मार्च 2012 तक 50 प्रतिशत देनदारी राज्य सरकारों को लेनी है। इसके तहत पहले वितरण कंपनियों द्वारा बांड भाग लेने वाले बैंकों को जारी किया जाएगा जिस पर राज्य सरकार की पूरी गारंटी होगी।

बयान में कहा गया है कि अधिसूचना जारी होने के बाद योजना 31 दिसंबर 2012 तक खुली रहेगी। सरकार इसकी समय सीमा बढ़ा सकती है।

योजना के तहत अल्पकालिक अनिवार्य शर्त के साथ मदद सरकार के स्वामित्व वाली उन वितरण कंपनियों के लिये होगी जो इसमें भाग लेंगी। रिण पुनर्गठन के साथ बिजली वितरण कंपनियों या राज्यों को परिचालन सुधारने के लिये ठोस कदम उठाने होंगे।

यह योजना आयोग के सदस्य (ऊर्जा) बी के चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाला विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों पर आधारित है। बाद में इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय तथा वित्त मंत्रालय में विस्तार से चर्चा हुई।

बयान के अनुसार योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए राज्य तथा केंद्र स्तर पर दो समिति गठित करने का प्रस्ताव है। (एजेंसी)

First Published: Monday, September 24, 2012, 23:36

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