Last Updated: Thursday, April 26, 2012, 18:08
नई दिल्ली: सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंकों में निवेशकों के मताधिकार को फिलहाल 10 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसका कहना है कि इसे बाद में स्थायी समिति के सुझावों के अनुरुप बढ़ाकर 26 फीसदी किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2011 में बदलावों को मंजूरी देते हुए यह फैसला किया। सरकार ने फैसला किया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों में निवेशकों के मताधिकार को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 26 फीसदी किया जाएगा, जो फिलहाल 10 फीसदी है।
पिछले साल दिसंबर में आर्थिक नियंत्रण और कॉरपोरेट लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने निजी क्षेत्र के बैंकों में निवेशकों के मतदान के अधिकार को बढ़ाकर 26 फीसदी करने की सिफारिश की थी। बैंकिंग अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2011 पिछले साल मार्च में लोकसभा में पेश किया गया था। इसमें निवेशकों को निजी क्षेत्र के बैंकों में उनकी शेयरधारिता के हिसाब से मतदान के अधिकार का प्रस्ताव था। समिति ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2011 में सुझाव दिया है कि आरबीआई यह सुनिश्चित करे कि नियामकीय तंत्र उचित हो जिससे मताधिकार सीमा को बढ़ाने के बाद किसी तरह के दुरुपयोग को रोका जा सके।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 26, 2012, 23:38