बैंकों को चाहिए 2.6 लाख करोड़ रुपये: एसएंडपी

बैंकों को चाहिए 2.6 लाख करोड़ रुपये: एसएंडपी

बैंकों को चाहिए 2.6 लाख करोड़ रुपये: एसएंडपीमुंबई : अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सलाहकार एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने कहा है कि जैसे जैसे भारतीय बैंक अधिक पूंजी खपत वाली बेसल-तीन संरचना की तरफ बढ़ेंगे वर्ष 2018 तक उन्हें 2.6 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी।

एजेंसी ने कहा है कि हमारा अनुमान है कि भारतीय बैंकों को रिजर्व बैंक के 8 प्रतिशत टीयर.एक सामान्य इक्विटी और पूंजी बफर अनुपात की आवश्यकता को पूरा करने के लिए ही कम से कम 69,100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। एजेंसी ने कहा कि बैंकों की न्यूनतम से अधिक पूंजी रखने की मनोवृत्ति को देखते हुये अतिरिक्त पूंजी आवश्यकता 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इसके अलावा भारत में हाइब्रिड उत्पादों का बाजार भी सीमित है।

वर्ष 2008 के वित्तीय संकट को देखते हुये दुनियाभर के केन्द्रीय बैंकों ने मिलकर बेसल.तीन नियमों की रुपरेखा बनाई। इसका मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार की अनहोनी के समय बैंकों में बफर पूंजी की मजबूती पर केन्द्रित है। इस साल एक अप्रैल से देश के बैंक बेसल. तीन नियमों को लागू करना शुरू कर देंगे। इसका खाका रिजर्व बैंक ने जारी किया है। बैंक अगले पांच साल के दौरान पूरी तरह इन नियमों को अपना लेंगे। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 19, 2013, 12:46

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