Last Updated: Tuesday, August 16, 2011, 11:17
नई दिल्ली/मुंबई : अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटाने से मचे विश्वव्यापी कोहराम के बीच रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत की बीबीबी साख को फिलहाल नीचे करने की आंशकाओं को दरकिनार कर दिया है. हालांकि, एजेंसी ने आगाह किया है कि राजकोषीय नीति के ढीलेपन और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों को आगे ले जाने में सरकार की असमर्थता के चलते मध्यम अवधि में देश की साख पर आंच आ सकती है. स्टैंडर्ड एंड पुअर्स के विश्लेषक ताकाहिरा ओगावा ने कहा कि अमेरिकी साख घटाकर एए प्लस करने के बाद भारत की साख पर तुरंत कोई असर नहीं होगा.
रेटिंग एजेंसी द्वारा अमेरिका की साख घटाने से भारत समेत विश्व भर के शेयर बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है. भारत की उच्च मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे की समस्या का जिक्र करते हुए ओगावा ने कहा कि लंबी अवधि में नकारात्मक नतीजे सामने आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि सख्त नीतियों से देश की साख पर सकारात्मक असर हो सकता है, लेकिन राजकोषीय स्थिति में गिरावट और आर्थिक सुधार के पिछड़ने पर साख गिराई जा सकती है.
भारत दोहरे अंक के करीब आ रही मुद्रास्फीति से संघर्ष कर रहा है. प्रमुख मुद्रास्फीति जून में 9.44 फीसदी हो गई, जबकि खाद्य स्फीति 30 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 9.90 फीसदी थी. ओगावा ने कहा कि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति भारत की सबसे बड़ी समस्या है.
First Published: Tuesday, August 16, 2011, 16:47