‘भारत में बैंकों का एनपीए बढ़ना जोखिमपूर्ण’

‘भारत में बैंकों का एनपीए बढ़ना जोखिमपूर्ण’

‘भारत में बैंकों का एनपीए बढ़ना जोखिमपूर्ण’वाशिंगटन : बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादक आस्तियां (एनपीए) यानी वसूली में फंसा धन और नकदी की तंगी से भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने अल्पकालिक जोखिम है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारतीय वित्तीय प्रणाली पर एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत की वित्तीय प्रणाली विभिन्न संस्थानों और के बीच अंतरसंबंध और विदेशी बाजारों के साथ बढ़ते जुड़ाव के चलते अपेक्षाकृत अधिक जटिल होती जा रही है। यह रपट फरवरी 2012 तक उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है।

रिपोर्ट में कहा गया कि वित्तीय प्रणाली को निकट भविष्य में सबसे बड़ा जोखिम बढ़ते एनपीए और नकदी की प्रणालीगत व्यव्था पर नए किस्म के दबाव से है। इसमें कहा गया कि भारत ने स्थिर वित्तीय प्रणाली विकसित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है लेकिन वित्तीय क्षेत्र के सामने एक तरह की चुनौती भी है।

जिन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है, उनमें नियामकीय संस्थाओं को वास्तविक स्वतंत्रता प्रदान करना, वित्तीय समूहों की समेकित निगरानी, बड़े निवेश में कमी शामिल है। आईएमएफ ने कहा कि बैंक, बीमा और प्रतिभूति बाजारों के नियमन और निगरानी की प्रणाली बहुत विकसित है और आम तौर पर यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 16, 2013, 14:24

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