Last Updated: Friday, July 6, 2012, 14:06
नई दिल्ली : मारीशस ने गुरुवार को कहा कि उसने भारत के साथ तीन साल के दौरान 170 से अधिक मामलों के संबंध में सूचना का आदान प्रदान किया और दोनों देशों ने 2006 से दोहरा कराधान बचाव संधि पर अच्छी प्रगति की है। मारीशस के विदेश मंत्री अरविन बुलेल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कुछ ऐसी सूचनाओं का भी आदान प्रदान किया गया जो दोहरा कराधान बचाव संधि :डीटीएए: के दायरे से बाहर थीं।
उन्होंने हालांकि कहा कि घरेलू कानूनों द्वारा दोनों देशों के बीच हुई संधि का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। भारत.मारीशस के बीच हुई कर संधि में यह व्यवस्था है कि मारीशस के जरिए भारत में किए गए निवेश से हुए पूंजीगत लाभ पर केवल मारीशस में कर लगाया जा सकता है।
चूंकि मारीशस पूंजीगत लाभ पर कर नहीं लगाता, निवेशक इस देश के जरिए किए गए निवेश पर कर देने से बच निकलते हैं। कर बचाने के लिए मारीशस के जरिए बड़ी मात्रा में भारत में विदेशी निवेश किया जाता है। यही वजह है कि सरकार को कर संधि का दुरुपयोग रोकने के लिए गार कानून लाना पड़ रहा है।
मारीशस का इस्तेमाल कर चोरी के लिए किए जाने की चिंता के बीच मारीशस ने कल भारत को आश्वस्त किया कि वह डीटीएए जैसी कर संधियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर फिर से गौर करेगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 6, 2012, 14:06