Last Updated: Wednesday, September 12, 2012, 22:52

नई दिल्ली : कृषि मंत्री शरद पवार ने आज कहा कि मानसून की स्थिति सुधरी है और इस वर्ष अब तक वर्षा की कमी घटकर आठ प्रतिशत रह गयी है लेकिन इसके बावजूद खरीफ मौसम के दौरान दलहन तथा मोटा अनाज के उत्पादन में कमी की आशंका है। पवार ने कहा कि चावल का उत्पादन भी घट सकता है लेकिन घरेलू मांग को पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गेहूं, चीनी तथा गैर-बासमती चावल एवं कपास का निर्यात जारी रखेगी।
कृषि मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मानसून की कमी घटकर 8 प्रतिशत रह गयी है और स्थिति सुधरी है। पर बुवाई की स्थिति से यह संकेत नहीं मिलता है कि मोटा अनाज तथा दलहन का उत्पादन पिछले साल के स्तर तक होगा।’ उन्होंने कहा, ‘चावल की उत्पादकता प्रभावित होगी क्योंकि पानी सही समय पर उपलब्ध नहीं था। लेकिन घरेलू मांग को पूरा करने में दिक्कत नहीं होगी।’ पिछले महीने मानसून की स्थिति सुधरी है लेकिन कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात तथा राजस्थान में कमी बरकरार है।
इन चार राज्यों ने 390 से अधिक तालुकों में सूखा घोषित किया है। इसके कारण सरकार ने संकट से निपटने के लिये कई राहत उपायों की घोषणा की है। फसल वर्ष 2011-12 (जुलाई-जून) में देश में रिकार्ड 10.43 करोड़ टन चावल का उत्पादन हुआ जबकि दलहन तथा मोटा अनाज का उत्पादन क्रमश: 1.72 करोड़ टन तथा 4.2 करोड़ टन रहा। पवार ने कहा कि देश के 78 प्रतिशत भागों में सामान्य या अधिक वष्रा हुई जबकि 29 प्रतिशत क्षेत्र में बारिश कम हुई। कृषि मंत्री ने कहा, ‘मानसून में सुधार गेहूं के लिए अच्छा होगा।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 12, 2012, 22:52