Last Updated: Friday, August 2, 2013, 18:34

हैदराबाद : बड़ी व्यावसायिक कंपनियों को नए बैंक लाइसेंस जारी करने को लेकर व्यक्ति की जा रही चिंताओं को खारिज करते हुए आबीआई गवर्नर डी सुब्बाराव ने शुक्रवार को कहा कि ये कंपनियां बड़ी मात्रा में पूंजी लाएंगी और इस क्षेत्र को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकेंगी।
सुब्बाराव ने यहां बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुसंधान संस्थान के एक कार्यक्रम में कहा ‘ बड़े कापरेरेट प्रतिष्ठानों को लाइसेंस प्रदान करने की मुख्य वजह है कि उनकी स्थापित उद्यमशीलता और संचालन क्षमता का लाभ उठाया जा सके।’
उन्होंने कहा ‘भारतीय कंपनियां दूर-दराज के इलाकों में प्रसार करने के लिए नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रही हैं और उम्मीद है कि उद्यमिता की इसी भावना से वित्तीय समावेशन के नए कारोबार माडेल इजाद किए जाएंगे।’
भारत के सबसे बड़े व्यवसायिक समूह टाटा सन्स और अनिल अंबानी व कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाली कंपनियों सहित 26 कंपनियों ने बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किए हैं।
ऐसी भी धारणा है कि ये कंपनियां अपने बैंक में लोगों की जमा पूंजी का अपनी इकाइयों, ग्राहकों और आपूर्तिकर्ताओं के हित में इस्तेमाल कर सकती हैं। सुब्बाराव ने कहा ‘‘बड़ी कंपनिया अपने साथ भारी मात्रा में पूंजी लाएंगी जिससे वित्तीय मध्यस्थता मजबूत होगी और हमारा बैंकिंग क्षेत्र ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक घरानों को नियामकीय वित्तीय कारोबार के अन्य क्षेत्रों जैसे म्युचुअल फंड, परिसंपत्ति प्रबंधन और बीमा कारोबार में प्रवेश दिया गया है। आरबीआई ने 22 फरवरी को नए बैंक लाईसेंस के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए और जून के पहले सप्ताह में स्पष्टीकरण लेकर आया। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 2, 2013, 18:34